शनिवार, 21 जून 2008

रानी

दोस्तों ये मेरी तीसरी स्टोरी है मेरी 2 कहानियों का मेरे को काफ़ी अच्छा रिस्पोंस मिला है और अब मैं मेरी ये सत्यकथा रही हूं।
दोस्तों मेरी शादी छोटी एज मैं हो गयी थी और उस समय मैं 18 साल की ही थी मेरे को मेरी मां ने कहा था कि मैं मेरे ससुर, पति और नंद की इज़्ज़त करूं और उनकी सब बातें मानू। मेरा पति उस समय 21 साल का था और वो आर्मी में था। शादी के बाद 5 दिन साथ रह के वो ड्युटी पर चला गया और मैं मेरे ससुर और ननद के साथ ससुराल में रह गयी। मेरे को मेरा भाई लेने आया तो मेरे ससुर ने भेजने से मना कर दिया कहा "अगर रोशनी चली जायेगी तो मेरी देख-भाल कौन करेगा और फ़िर सरोज भी तो जाने वाली है ये दोनो 4-5 दिन साथ रहेंगी तो सरोज रोशनी को सारे काम और घर का बता देगी"। मेरा भाई चला गया और मैं मेरि ननद और ससुर के साथ ससुराल में रह गयी।
दोस्तों मेरे भाई के जाने के बाद मेरी ननद सरोज ने मेरे को पास बुलाया और मेरे को छेड़ने लगी। मैं भी उस को छेड़ने लगी। मेरा ससुर उस समय किसी के घर गया थे। सो हमे कोई डर नहीं था, सरोज जब मेरे को छेड़ रही थी तब मेरे को मजा आ रहा था और उस का हाथ मेरे चूचियों और गांड पर चल रहा था। मेरी सिसकिआं निकल रही थी और मैं आआआआआआआआआआआ ईईईईईईईईईईईईईइ आआआआआआआआआअ ह्हह्हह्हह्हह्हाआआआआआआआआआआआ ऊऊईईईईईईईईईम्मम्मम्माआआआआआआआआआआआअ कर रही थी मेरी सिसकी के साथ सरोज का हाथ मेरे चूचियों को जोर से दबाने लगा और मैं भी सरोज की चूचियां दबाने लगी। धीरे धीरे सरोज ने मेरे कपड़े उतार दिये और मेरा कच्चा और नंगा बदन देख के उस ने मेरी चूत और गांड मैं उंगलियां डाल दी ऊऊऊऊऊऊऊऊउईईईईईईईईईईईइ म्मम्मम्माआआआआआआआआआआआआआआआ सरोज मेरी फ़ट गयीईईईईईईईई
"कोइ बात नहीं भाभी जब बाबूजी चोदेंगे तो नहीं फ़टेगी। "मैं समझी नहीं पर सरोज ने मेरे को छेड़ना शुरु रखा और मैं भी सरोज को छेड़ती रही मेरी नयी और सील बंद चूत ने पहला पानी छोड़ दिया। सरोज ने कहा "भाभी थोड़ी देर रुको कपड़े मत पहनना मैं 1 बार बाहर जाती हूं, दरवाजा बाहर से बंद कर दुंगी तुम डरना नहीं"
वो घर से बाहर चली गयी और बाबू जी को ले आयी। मैं नंगी ही थी, पर सरोज ने मेरे को कपड़े नहीं पहनने दिये और बोली " भाभी अब बाबूजी से चुदो काफ़ी मजा आयेगा। "मैने देखा कि बाबूजी ने अपने कपड़े उतार दिये और उनका 4 इंच का लंड खड़ा था। मैने पहले बार लंड देखा था और मेरी चूत मैं फ़िर से खुजली होने लगी। बाबू जी मेरे पास आये और मेरी चूचियां पीछे से पकड़ ली उनका लंड मेरी कमर पर गरम गरम लग रहा था। मेरे को मजा आया"। आअहाआआआआआआअ बाबू जीईईईईईईईईईइ मजा आ रहा है सरोज से भी ज्यादा। आआआआआआआह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हाआआआआआआअ ऊऊऊऊईईईईईईईइम्मम्मम्मम्मम्मम्माआआआआआआ स्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्ससीईईईईईईइस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़ूऊऊऊऊऊऊऊऊऊ
ऊऊऊओस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस " बाबू जी का लंड और भी टाइट हो गया और मेरी चूत भी काफ़ी गीली हो गयी।
बाबूजी ने मेरे को सीधा किया और बेड पर गिरा दिया और मेरी दोनो टांगे उठा के मेरी चूत चूसी मेरी मस्त बहुत ज्यादा भर गयी और मैं जोर से सिसकने लगी" आआआआआआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह ऐईईईईईईईईईईईईईईईई उफ़ुफ़ुफ़ुफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़ स्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सस्सीईईईईईईईई स्सस्सस्सस्ससीईईईईइ ब्बब्बब्बाआआआआआआआअबूऊऊऊऊऊऊऊ जीईईईईईईईईईई मजाआआआआआआ आआआआआआआआआआअ रहाआआआआ हैईईईईईईईईईईईईइ "
बाबूजी "रोशनी तू देख सरोज मेरा लंड चूस रही है और अब तेरी चूत में मेरा लंड आराम से जायेगा" मैने देखा सरोज सच मुच बाबूजी का लंड चूस रही थी। वो अलग हो गयी और बाबूजी ने मेरी दोनो टांगे उठा के मेरी चूत पर लंड का धक्का मारा। मेरी चूत फ़ट गयी मैं चिल्लाई" माआआआआआआर्रर्रर्रर्रर्रर्रर्रर्रर्रर्रर्र गाआआआआआआआईईईईईईईईईईईईईईईईइ बाबूजी मेरी फ़ाआआआआआआआआआआआआआआआअट गाआआआआईईईईईईईईईईईईईईई छोड़ो न प्लीज" पर बाबू जी माने नहीं और जोर जोर से 15-20 धक्के मेरी सील बंद चूत में मारे। फ़िर मेरे को दर्द कम हो गया और मजा आने लगा आआआआआआआआआह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह ऊऊऊऊऊऊऊईईईईईईईईईईईइ स्सस्सस्सस्सीईईईईईईईईस्सस्सस्ससीईईईईइसि करने लगी। 4-5 मिनट में बाबूजी का लंड हलका हो गया और मेरी चूत ने भी पानी छोड़ दिया
इस तरह से बाबूजी ने मेरी चुदाई की दिन में और उसके बाद मेरे सामने ही सरोज को भी चोदा और उसको गालियां भी दी साली सरोज चुदवा चुदवा की चूत का चरस बना लिया देख तेरी भाभी की चूत कितनी मस्त है।
सरोज बोल रही थी बाबू जी येह भी तो आप ने ही किया है मेरी चूत को फ़ाड़ दिया और अब भाभी की भी फ़ाड़ दी लंडर।
दोस्तों मेरी कहानी बिल्कुल सही है और आशा है आप को पसंद आयी होगी।

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